मसानुमासिक कल्प
आयुर्वेद के मूल सिद्धांतों के अनुरूप “स्वस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणम्” को सर्वोपरि एवं “आतुरस्य विकार प्रशमनम् च” को द्वितीय क्रम पर रखते हुये लोक स्वास्थ्य रक्षण की प्राचीन परम्परा को पुनर्जीवित करने के लिए प्रत्येक आयुर्वेद चिकित्सक का कर्तव्य बनता है कि हम मासानुमासिक गर्भिणी परिचर्या, लेहनसंस्कार आदि आयुर्वेद की उत्कृष्ट संतानोत्पत्ति की परम्परा की पुनर्स्थापना कर इसे व्यावहारिक बनाते हुये जेनेटिक डिसऑर्डर्स पर नियंत्रण कर स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकें। यदि मासानुमासिक व गर्भ संस्कार से स्वास्थ संतति की प्राप्ति होती है तो न केवल हम आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की श्रेष्ठता सिद्ध कर पाएंगे अपितु जनमानस को आयुर्वेद के सिद्धान्तो व औषधियों को अपनाने के लिए तैयार कर पाएंगे। इसी क्रम में अर्पण आयुर्वेद फार्मा द्वारा मसानुमासिक कल्प तैयार किया गया है , यह एक उत्कृष्ट गर्भिणी रसायन हैं । इस कल्प में किसी भी भारी धातु (Heavy metal) का प्रयोग नही किया गया है जिससे यह पूरे 9 माह में प्रयोग करने हेतु सुरक्षित है। अधिक जानकारी के लिए मिले या लिखें- डॉ आशीष पाल अर्पण...